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खीस्त में मेरे प्रिय भाईयों और बहनों, “येशु मसीह में नया जीवन” वेबसाईट में आप सभों का स्वागत है। आपके मन में यह सवाल हो सकते हैं कि येशु मसीह में नया जीवन का क्या अर्थ है या ये कैसे मिलेगा या क्या ये संभव है या हमने अपनी वेबसाईट के लिए यही नाम क्यों चुना या हम इस वेबसाईट के माध्यम से आपलोगों को क्या चीजें उपलब्ध कराते हैं? ये सवाल उठना लाज़मी है और इनके जवाब आप यहां पा सकते हैं।

जब आप यह पूछते हैं कि येशु मसीह में नया जीवन का क्या अर्थ है या ये कैसे मिलेगा या क्या ये संभव है तो यकीन मानिए कि आप पहले नहीं हैं जिसने ये प्रश्न पूछा है और न ही आप ये प्रश्न पूछने वाले अंतिम व्यक्ति हैं। आपसे पहले भी कई लोगों के मन में ये प्रश्न आया है और उनमें से कई लोगों को इसका उत्तर मिला पर कई लोग उत्तर की तलाश करते हुए ही इस संसार से विदा हो गए। देखा जाए तो इस प्रश्न के तीन हिस्से हैं - येशु मसीह, नया और जीवन। हम तीसरे हिस्से से शुरू करते हैं।

जीवन क्या है?

- सरल शब्दों में “अस्तित्व में बने रहना या मृत्यु को प्राप्त न होना” ही जीवन है। यह समूची पृथ्वी और जो कुछ इसमें है, हमारा सौरमंडल, आकाशगंगा, समूचा ब्रह्मांड अस्तित्व में है और जबतक ये विद्यमान रह सकेंगे इनमे जीवन रहेगा। कोई तारा तबतक प्रकाशमान रह सकता है जबतक उसके अंदर ईंधन (हाइड्रोजन) हो। जब उसका ईंधन खत्म हो जाएगा तो वह तारा अपना अस्तित्व को देगा। यही इसका जीवन है।

नया क्या है?

- यह संसार मरणशील है, विनाशी है और इसमें विद्यमान प्रत्येक वस्तु नाशवान हैं। हर वस्तु एक न एक दिन अपना अस्तित्व खो देती है। हर प्राणी जो इस संसार में विद्यमान है वो जीवित रहने के लिए संघर्ष करता है। यह इस संसार का अनिवार्य सत्य है। तो इसमें नई बात क्या है? नयापन इसमें है कि हम यह जान लें कि यह संसार हमेशा से नाशवान नही था। नयापन इसमें है कि हम यह जान लें कि एक समय था जब इस संसार में मृत्यु का अस्तित्व ही नहीं था। नयापन यह जान लेने में है कि जब परमेश्वर ने इस जगत को रचा था तो यह अच्छा दोष रहित और अनश्वर था और मृत्यु पाप के दंड के रूप में परमेश्वर की अनुमति से इस संसार में प्रवेश करती है और इसके बाद चीजें बड़े पैमाने पर बदल जाती हैं। सबसे बड़ा नयापन यह समझने में है कि परमेश्वर हमें एक ऐसा जीवन देने को आतुर है जहां न तो मृत्यु का अधिकार है और न ही मौजूदा सांसारिक बुराइयों और तकलीफों का जोर है।

येशु मसीह में नया जीवन कैसे मिलेगा?

- परमेश्वर की मूल योजना में नाशवान संसार कभी था ही नहीं। परमेश्वर ने जब इस संसार को बनाया था तो इसमें कोई दोष नहीं था और यह अनंतकाल तक विद्यमान रहने वाला था।

परमेश्वर इस संसार से और विशेष रूप से मनुष्यों से प्रेम करते हैं। वे चाहते हैं कि हम उनके साथ अनंतकाल तक संगति करें। इसके लिए उन्होंने इस संसार में मनुष्य रूप में अपने पुत्र येशु को भेजा और उन्होंने मानवजाति की मुक्ति और अनंतकाल का जीवन देने के लिए भयानक और पीड़ादायक क्रूस-मरण और महिमामय पुनरुत्थान को स्वीकार किया। केवल येशु पर विश्वास करके और उसके बलिदान को अपने स्वीकार करके ही अनंत जीवन पाया जा सकता है।

जब आप अपने जीवन में येशु को स्वीकार करते हैं तो आपके जीवन मे परिवर्तन आने लगता है। आप भयमुक्त, तनावमुक्त, अदभुत और अलौकिक शांतियुक्त जीवन जीते हैं। आपका जीवन लोगों के लिए सकारात्मक उदाहरण बन जाता है। आपकी जीवनशैली पूर्णतः बदल जाती है और आप आनंद का अनुभव करते हैं।

हम इसमें आपकी कैसे मदद करते हैं?

- यदि आप एक मसीही हैं तो हम आपके बाइबल के ज्ञान को और निखारने और परमेश्वर के वचन को अपने जीवन में बेहतर तरीके से लागू करने में आपकी सहायता करते हैं।

यदि आप मसीह-विश्वासी नहीं हैं तो हम येशु मसीह को जानने, बाइबल पढ़ने और समझने और येशु को अपने जीवन में स्थान देने में आपकी मदद करते हैं।

हम हमारी वेबसाइट, फेसबुक पेज और व्हाट्सएप चैट (यदि आप ऐसा चाहते हैं तो) के माध्यम से आपतक ईश्वर के संदेश को पहुंचाने और उन्हें समझकर अपने जीवन मे लागू करने में आपकी मदद करते हैं।

प्रभु येसु ने अपने शिष्यों से कहा था, “फसल तो बहुत है, परन्तु मज़दूर थोड़े हैं। इसलिए फ़सल के स्वामी से विनती करो कि वह अपनी फ़सल काटने के लिए मजदूरों को भेजे।” (संत मत्ती 9ः37-38)। प्रभु येसु के इस कथन से हमें ज्ञात होता है कि हमें सुसमार के प्रचार-प्रसार के लिए हर संभव प्रयत्न करते रहना चाहिए।

इसी बात से प्ररणा पाकर वर्ष 2015 में जब मैंने इस वेबसाईट को एक ब्लॉग के रूप में शुरु किया था तो उन दिनों मैं ब्लॉगिंग के क्षेत्र में बिलकुल नया था। मैं इससे पहले से ही फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर पेज और ग्रुप के माध्यम से लोगों से जुड़कर परमेश्वर के वचनों को उनतक पहुंचाने की कोशिश कर रहा था। उन दिनों एक मसीही ब्लॉग शुरू करने का मेरा मुख्य उद्देश्य केवल प्रयोग करना था। मैं ये देखना चाहता था कि एक मसीही ब्लॉग पर लोगों की क्या प्रतिक्रिया आती है क्योंकि इसके लिए आपको फेसबुक जैसी साइटों की तरह एकाउंट बनाने की आवश्यकता नहीं होती है। कोई भी व्यक्ति जिसके पास एक वेब ब्राउजर हो और इंटरनेट कनेक्शन हो, वो आपके ब्लॉग को पढ़ सकता है।

आज आप देख सकते हैं कि इस बेबसाइट पर हम मुख्य रूप से हिन्दी में बाइबल पठन, अध्ययन, प्रार्थना, मनन-चिंतन तथा ऐसी सामग्रियाँ उपलब्द कराते हैं जो लोगों को प्रभु येसु को जानने तथा उनकी शिक्षा के अनुसार अपनी जीवन को ढ़ालने की प्ररणा दे सकती हैं। पुरोहितों, धर्मबहनों तथा लोकधर्मियों में से जो कोई प्रभु की इस इच्छा को पूरा करने के लिए मेरे साथ जुड कर इस योजना को आगे बढाना चाहते हैं, मैं आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूँ।

मैं यह आशा करता हूँ कि आप लोगों को हमारी वेबसाइट में जोड़ी जा रही नयी चीजें अवश्य पसंद आएंगी। आप अपने सुझाव “हमसे संपर्क करें” पेज के माध्यम से हमतक पहुंचा सकते हैं। किसी प्रकार की समस्या होने पर भी आप हमें लिख सकते हैं। परमेश्वर आपको भरपूर आशीष और कृपा प्रदान करें। आमीन।