Wednesday, September 14, 2022

संत पेत्रुस का पहला पत्र, अध्याय - 3 | हिंदी बाइबिल पाठ - First Letter of St. Peter, Chapter - 3 | Hindi Bible Reading

            


संत पेत्रुस का पहला पत्र

अध्याय - 3


विवाह के कर्तव्य

1 (1-2) पत्नियो! आप अपने पतियों के अधीन रहें। यदि उन में कुछ व्यक्ति अब तक सुसमाचार स्वीकार नहीं करते, तो वे आपका श्रद्धापूर्व तथा पवित्र जीवन देख कर शब्दों के कारण नहीं, बल्कि अपनी पत्नियों के आचरण के कारण विश्वास की ओर आकर्षित हो जायेंगे।
3) आप लोगों का श्रृंगार बाहरी केश-प्रसाधान, स्वर्ण आभूषण तथा सुन्दर वस्त्र नहीं हो।
4) वह हृदय के अभ्यन्तर का, विनम्र तथा शान्त स्वभव का अनश्वर अलंकरण हो, जो ईश्वर की दृष्टि में महत्व रखता है।
5) प्राचीन काल में ईश्वर पर भरोसा रखने वाली तथा अपने पतियों के अधीन रहने वाली पवित्र स्त्रियां इसी तरह अपना श्रृंगार करती थीं।
6) उदाहरण के लिए, सारा इब्राहीम का आज्ञापालन करती और उन्हें ’स्वामी’ कह कर पुकारती थी। जब आप भलाई करती रहेंगी और किसी आशंका से नहीं घबरायेंगी, तो आप उनकी सुपुत्रियां सिद्ध होंगी।
7) पतियो! आप भी अपनी पत्नी का ध्यान रखें और उसे ’अबला’ समझ कर तथा अपने साथ अनन्त जीवन के अनुग्रह की उत्तराधिकारी जान कर उसका समुचित आदर करें। यदि आप ऐसा करेंगे, तो आपकी प्रार्थनाओं में कोई बाधा नहीं होगी।

भातृप्रेम

8) अन्त में यह आप सब-के-सब एक-मत, सहानुभूतिशील, भ्रातृप्रेमी, दयालु तथा विनम्र बनें।
9) आप बुराई के बदले बुराई न करें और गाली के बदले गाली नहीं, बल्कि आशीर्वाद दें। आप यही करने बुलाये गये हैं, जिससे आप विरासत के रूप में आशीर्वाद प्राप्त करें;
10) क्योंकि जो जीवन को प्यार करता और सुख-शान्ति देखना चाहता है, वह न तो अपनी जीभ को बुराई बोलने दे और न अपने होंठों को कपटपूर्ण बातें।
11) वह बुराई से दूर रहे, भलाई करे और शान्ति के मार्ग पर आगे बढ़ता रहे;
12) क्योंकि प्रभु की कृपादृष्ष्टि धर्मियों पर बनी रहती है और उसके कान उनकी प्रार्थना सुनते हैं, किन्तु प्रभु कुकर्मियों से मुंह फेर लेता है।

अत्याचार में धैर्य

13) यदि आप भलाई करने में लगे रहेंगे, तो कौन आपके साथ बुराई करेगा?
14) और यदि आप को धार्मिकता के कारण दुःख सहना पड़ता है, तो आप धन्य हैं। आप उन लोगों से न तो डरें और न घबरायें।
15) अपने हृदय में प्रभु मसीह पर श्रद्धा रखें। जो लोग आपकी आशा के आधार के विषय में आप से प्रश्न करते हैं, उन्हें विनम्रता तथा आदर के साथ उत्तर देने के लिए सदा तैयार रहें।
16) अपना अन्तःकरण शुद्ध रखें। इस प्रकार जो लोग आप को बदनाम करते हैं और आपके भले मसीही आचरण की निन्दा करते हैं, उन्हें लज्जित होना पड़ेगा।
17) यदि ईश्वर की यही इच्छा है, तो बुराई करने की अपेक्षा भलाई करने के कारण दुःख भोगना कहीं अच्छा है।

मसीह का उदाहरण

18) मसीह भी एक बार पापों के प्रायश्चित के लिए मर गये, धर्मी अधर्मियों के लिए मर गये, जिससे वह हम लोगों को ईश्वर के पास ले जाये, वह शरीर की दृष्टि से तो मारे गये, किन्तु आत्मा द्वारा जिलाये गये।
19) वह इसी रूप में कैदी आत्माओं को मुक्ति का सन्देश सुनाने गये।
20) उन लोगों ने बहुत पहले ईश्वर के विरुद्ध विद्रोह किया था, जब वह धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहा था और नूह का जहाज़ बन रहा था। उस जहाज में थोड़े ही अर्थात् आठ व्यक्ति जल से बच गये है।
21) यह बपतिस्मा का प्रतीक है, जो अब आपका उद्धार करता है। बपतिस्मा का अर्थ शरीर का मैल धोना नहीं, बल्कि शुद्ध हृदय से अपने को ईश्वर के प्रति समर्पित करना है। यह बपतिस्मा ईसा मसीह के पुनरुत्थान द्वारा हमारा उद्धार करता है।
22) ईसा स्वर्ग गये और स्वर्ग के सभी दूतों को अपने अधीन कर ईश्वर के दाहिने विराजमान हैं।

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